आधुनिक ओलंपिक खेलों का इतिहास


 आधुनिक ओलंपिक खेलों का इतिहास



आधुनिक ओलंपिक खेलों होने से काफी समय पहले ही कुछ महान शिक्षा व व विशिष्ट हस्तियों अर्थात महान हस्तियों को खेल गतिविधियों का अपने दैनिक जीवन में करने की आवश्यकता महसूस होने लगे हष्ट पुष्ट शरीर ही हम एक स्वस्थ शरीर मानसिक करता है समुदाय को भी इस ओर ध्यान देने के लिए प्रयास किया जाने लगा इस कॉल के दौरान मार्टिन लूथर जैसे महान व्यक्ति ने अपना ध्यान इस ओर आकर्षित कर समुदायों में एक कथन दिया कि स्व दिन में ही स्वस्थ मन का वास होता है उन्होंने खेलों के महत्व व नैतिक गुणों पर भी सभी केंद्रित करने का प्रयास किया


शिक्षा वाली देश जैसे इटली इंग्लैंड आदि देशों में शिक्षा वादी में महान हस्तियों ने अब भी अपना योगदान देते हुए इसके महत्व को समझा दे उस पर अपनी विशेष टिप्पणी दें इसके बारे में उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के स्वास्थ्य में सुधार में पढ़ाई में ध्यान के विकास का स्तर बढ़ाने के लिए शारीरिक वस्ते को भी ध्यान में रखना चाहिए छात्रों का शारीरिक व मानसिक विकास काफी लाभकारी होता है

18 वीं शताब्दी में कुछ महान शिक्षा वाली ने शिक्षा में स्वास्थ्य के महत्व को समझते हुए कथन दिया साथ ही उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य का मन मेरी ताकत मेल पर काफी प्रभाव पड़ता है


19वीं शताब्दी में कुछ लोगों के प्रयास से खेलों के महत्व को समझते हुए और डोर जिम्नेशियो को बनाने की मांग रखी गई इस स्वरूप लोगों का विद्यार्थियों की शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाए जाने लगा दिव्या या मुंह पर ध्यान केंद्रित कराया जाने लगा


19वीं शताब्दी में काफी यूरोपीय देशों ने जिमनास्टिक में रुचि दिखाते हुए खेलों को स्कूलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जिसमें स्वीडन साथ ही शुरू में यूरोपीय देश में है इसका प्रयोग कर अपनी सेना को तैयार करने के लिए भी क्या जाने लगा


18 सो 59 का 18 से 31 ईसवी में एक यूनानी नागरिक जैकसन ने आयोजन किया परंतु कम सहयोग में भाग न लेने के कारण दोनों बार ही असफल रहे के कुछ समय पश्चात ही उनकी मौत हो गई और उन्होंने अपनी सारी संपत्ति ओलंपिक आयोजन हेतु दान कर दी जिसके बाद डी

कार बिटवीन नामक विद्वान ने अपने धीमे-धीमे प्रयासों से देशों में खेलों के महत्व को समझाने का विकेश विषय उठाया उन्होंने एक दो बार कांग्रेस को स्पोर्ट्स क्लब में बुलाया सब रखा जिसके बाद सन 18 साल में कांग्रेस के साथ एक बड़े वार्तालाप में सुझाव निकला जिसमें सभी देशों ने इस पर विचार किया और भागीदारी का विशेष कदम बढ़ाने का प्रयास किया


आरंभ


ओलंपिक आरंभ होने से पहले एक ग्रीक परंपरा के अनुसार पूजा पाठ में खेल उत्सव समारोह के इसके बाद खिलाड़ी का परिचय व उनकी आत्मा सिद्धि कराई जाती थी जिससे वे खिलाड़ियों का सम्मान में खेल में सत्य भावनाओं को बनाए रखें


खेल सामाजिक शांति व सम्मान न्याय परंपरा को बनाए रखने के लिए खेल जाते थे साथी शत्रुता कम हो और राष्ट्रों के बीच दूरी कम हो सके


प्राचीन ओलंपिक खेलों के समय उत्तल जाते थे सभी भाईचारे की बहू ने बनाए रखते थे जबकि आधुनिक ओलंपिक खेलों के दौरान जब प्रथम में द्वितीय युद्ध हुए तब आधुनिक ओलंपिक खेलों को रोकना पड़ा है जो कि एकदम उल्टा हो गया


आधुनिक ओलंपिक खेल की शुरुआत एथेंस में 1896 ईसवी में हुई थी

शुरुआती ओलंपिक खेलों में आयोजन हेतु धनराशि की कमी पड़ रही थी उसकी पूर्ति यूनानी सरकार में व्यापारियों के दिए गए भेंट के द्वारा हुई


समय समय बीतने पर ओलंपिक में भाग लेने वाले देश खिलाड़ी में दर्शकों की संख्या बढ़ने लगी


इस समय ओलंपिक में अधिकतम सभी देशों ने अपनी भागीदारी दी ली है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts, please let me know